यह
फ़िल्म 2016 की वास्तविक घटना पर आधारित है, फ़िल्म के निर्देशक आदित्य धार ने भी
कहा है कि उनकी यह फ़िल्म श्रद्धांजली है उन नवोदित देशभक्तों तथा राष्ट्रवादियों
को जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की बलि दी है | समूची फिल्म में स्क्रीनप्ले
को पांच अध्याय में विभाजित किया गया है | फ़िल्म की शुरुआत जून 2015 से होती है |
हालांकि फ़िल्म वास्तविक घटना पर आधारित है लेकिन समय तिथि और वर्ष में कुछ बदलाव
किया गया है | निर्देशक आदित्या धार ने वास्तविक घटना में कहीं-कहीं आवश्यकतानुसार
परिवर्तन किया है | फ़िल्म शुरू होती है पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल
स्ट्राइक से |
अब बात
निर्देशन की आदित्या धार की यह पहली डेब्यू शानदार रही | जहाँ शार्ट सेलेक्सन
जबर्दस्त वहीं वहीं स्क्रीन प्ले भी उतना ही लाजबाव | अब बात विक्की कुशाल की
अभिनय का –
फ़िल्म
संजू में शानदार गुज्जू की भूमिका, मनमर्जीयां में अमृतसरी लापरवाह रोमियों टपोरी
टाइप पंजाबी मुंडा, उरी में समर्पित,ट्रेन्ड मिलिट्री आफिसर विहान सिंह शेरगिल की
जबर्दस्त भूमिका में | फ़िल्म में तीन फिजिकल फाईट सीन है जिसे विक्की कुशाल ने
अपने दमदार अभिनय से एकदम नैचुरल बना दिया है | यम्मी यामी गौतम इंटेलिजेंस आफिसर
कीर्ति कुल्हाड़ी एयरफोर्स पाइलट की छोटी भूमिका में काफी इफेक्टिव हैं | परेशरावल द्वारा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तथा सर्जिकल स्ट्राइक के इंचार्ज की भूमिका में शानदार
अभिनय | रजीत कपूर सिल्वर बिग तथा बियर्ड में प्रधानमंत्री की कुर्सी को बखूबी
सम्भाला है | मनोहर परिकर राजनाथ सिंह भी उनके साथ दिखे हैं | लाइफ ओके के डेली
सोप देवों के देव महादेव के मोहित रैना
निडर साहसी जांबाज मेजर करण कश्यप की भूमिका में शानदार |

फ़िल्म
का फर्स्ट हाफ बहुत ही शानदार वहीं सकेंड हाफ जरा सा सुस्त या थोड़ा भारी भरकम अंतिम
समय में DRDO द्वारा आविष्कार शुरू करना Intelligence gathering में थोड़ा फिल्मी
ड्रामा दिखा straitergy की कमी इत्यादि | फ़िल्म के बीच-बीच में भावनात्मक stuff भी
आपको देखने को मिल जाएगा | मेरे हिसाब से यह आवश्यक है की war drama जैसी फिल्मों में
एक्शन के साथ-साथ दर्शकों को emotion भी परोसा जाए | अन्यथा लगातार माड़-धाड़ से
फ़िल्म बोझिल हो जाती हैं |
जहाँ आस्कर
विनिंग अमेरिकन फ़िल्म zero Dark Thirty में एक आदमी (ओसामाबिन लादेन) के लिए मिशन
को अंजाम दिया जाता है ,वहीं ‘URI THE SURGICAL STRIKE’ में फौज आतंकियों के उस
समूह को टारगेट करते हैं जो सुरक्षित घरों में छिपे हुए हैं | इसलिए सकेंड हाफ में
कुछ ज्यादा सस्पेंस तो है नहीं उनके घरों में घुसकर उन्हें मारना है बस |
इसमें कोई
अतिश्योक्ति नहीं की बाजारबाद, एवं भूमंडीकरण के इस दौर में परिवार के साथ देखने
लायक साफ-सुथरी फिल्में आनी बंद हो चुकी है | उरी साफ सुथरी फ़िल्म है जिसे आप अपने
पुरे परिवार माँ,बहन,भाई,बच्चों के साथ बैठकर देख सकते हैं | फ़िल्म प्रेरणादायक, ह्रदय
को छू लेनेवाला, सच्चाई,दमदार अभिनय तथा देशभक्ति से ओत-प्रोत पूरा पैसा वसूल है |
फ़िल्म में थंडर बैक ग्राउंड, साउंड मिक्सिंग, डिजाईन तथा स्पेशल इफेक्ट सभी
ऑथेंटिक है | इसलिए फ़िल्म में बंदूक हरेक जगह आग उगलती है जहाँ बंदुक नहीं वहां
आफिसर विहान सिंह शेरगिल तो है हीं |