रविवार, 19 जून 2022

प्रतिभाशाली स्त्रियाँ


 आसान नहीं होता 

प्रतिभाशाली स्त्री से प्रेम करना ,

क्योंकि उसे पसंद नहीं होती जी हुजूरी |

झुकती नहीं वो कभी ,

जब तक रिश्तों मे न हो  मजबूरी |

तुम्हारी हर हाँ मे हाँ और ना में ना कहना ,

वो नही जानती !

क्योंकि उसने सीखा ही नहीं,

झूठ की डोर मे रिश्तों को बांधना ,

वो नहीं जानती स्वाद की चाशनी में डुबोकर अपनी बात मनवाना ,

वो तो जानती है बेबाकी से सच बोल जाना |


फिजूल की बहस में पड़ना 

उसकी आदत मे शुमार नहीं ,

लेकिन वो जानती है ,

तर्क के साथ अपनी बात रखना |

वो क्षण-क्षण गहने -कपड़ों की मांग नहीं किया करती 

वो तो संवारती है स्वयं को अपने आत्मविश्वास  से,

निखारती है अपना व्यक्तित्व मासूमियत भरे मुस्कान से |


तुम्हारी गलतियों पर तुम्हें टोकती है ;

तो तुम्हारे तकलीफ मे  वो तुम्हें संभालती भी है |

उसे घर संभालना बखूबी आता है ;

 तो अपने सपनों को पूरा करना भी |

अगर नहीं आता तो किसी के अनर्गल बातों को मान लेना |  

पौरुष के आगे वो  नतमस्तक नहीं होती ,

झुकती है तो तुम्हारे  निःस्वार्थ  प्रेम के आगे ,

और इस प्रेम के खातिर वो अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है |


हौसला हो निभाने का तभी ऐसी स्त्री से प्रेम करना ,

क्योंकि टूट जाती है वो धोखे से,

छलावे से,पुरुष के अहंकार से |

फिर नहीं जुड़ पाती है किसी प्रेम की खातिर |

(पोलेंड की प्रसिद्ध कवियत्री "डोमिनेर" की कविता का हिन्दी अनुवाद )   


प्रतिभाशाली स्त्रियाँ

  आसान नहीं होता  प्रतिभाशाली स्त्री से प्रेम करना , क्योंकि उसे पसंद नहीं होती जी हुजूरी | झुकती नहीं वो कभी , जब तक रिश्तों मे न हो  मजबूर...